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LOVE EPISODE #5 ADRIYAL

” हे एड्रियल “
” हाँ बोलो “
” तुम क्रिसमस पार्टी में जा रही हो ?”
” हाँ जा रही हूँ , क्यों ?”
” मेरी पार्टनर बनोगी ?”

मैं कॉलेज की छुट्टी के बाद घर जा रहा था , तभी कॉलेज के दरवाजे पर मुझे एड्रियल मिली । इसमें कोई शक नहीं कि वो बहुत खूबसूरत है । मैं बिना देर किये उसको क्रिसमस पार्टी में पार्टनर बनने के लिए पूछना चाहता था, क्योंकि शायद ही कोई लड़का हो जो ये ना चाहता हो कि एड्रियल उसकी डांस पार्टनर बने । पर शायद मैंने उससे पूछने में देर कर दी थी ।
” नहीं अकरूर , मैं नहीं बन सकती,” उसने कहा ।
” क्यों?”
” क्योंकि मैं डेनियल के साथ जा रही हूँ “
” उसके साथ क्यों ?” मैंने थोड़ा उदास सा चेहरा बना कर पूछा ।
” क्योंकि उसने डांस पार्टनर बनने का आग्रह तुमसे पहले किया,” उसने दूसरी तरफ मुड़ते हुए कहा ।
” ठीक है , लेकिन क्रिसमस परसों है,” मैंने कहा ।
” तो ?” उसने फिर से मेरी तरफ मुड़ते हुए प्रश्न किया ।
” तो कुछ नहीं, अगर मन बदल जाए तो फोन कर देना,”
मैंने कहा और वहां से चल दिया । पर मैं दिल से चाहता था कि वो मुझे फोन करे और मेरी डांस पार्टनर बने । क्योंकि उसको प्रपोज़ करने का इससे अच्छा कोई और वक़्त नहीं मिलेगा मुझे ।
हाँ सच में । रंगीन शाम होगी , सब मस्ती में होंगे , वो मेरी बाहों में होगी और मुझे बस उसको हमेशा ऐसे ही बाहों में मेरे साथ , मेरे पास रहने के लिए प्रपोज़ करना है । पर मैं भी लड़का ही हूँ और सच कहूं तो मेरी हालात खराब है ( आपकी भाषा में इसे कुछ और ही कहते हैं ) । अगर उसने ना कह दिया तो ? अगर थप्पड़ दिया तब तो पूरे कॉलेज के सामने बेइज़्ज़ती हो जायेगी ।

                         ●
रात हो चुकी थी , उसका फोन अभी तक नाही आया था । मैंने भी सोच लिया था कि वो खुद फोन करेगी तभी मैं उससे दोबारा पूछूँगा वरना नहीं । लेकिन हूँ तो लड़का ही ना , करीब एक घंटा इंतज़ार करने के बाद मैंने मैंने फोन निकाला और एड्रियल का नम्बर लगाया ।
”  हेलो ” उसकी आवाज आई ।
” एड्रियल क्या सोचा तुमने ?” मैंने कहा ।
” देखो मैं डेनियल को हाँ कर चुकी हूँ , अब मैं तुम्हारे साथ गयी तो उसे बुरा लगेगा,” उसने धीरे से कहा ।
” ठीक है,” कहकर मैंने फोन काट दिया ।
मैं सोने की बहुत कोशिश कर रहा था पर मुझे नींद नहीं आ रही थी । मैंने फिर फोन उठाया और एक बार फिर एड्रियल को फोन लगाया ।
” मैंने कहा ना नहीं जा सकती तुम्हारे साथ , प्लीज़ समझो यार,” उसने फोन उठाते ही गुस्से में कहा ।
” अरे सुनो यार मैंने उसके लिए फोन नहीं किया है,” मैंने बहुत धीरे से बोला ।
” तो फिर?” उसने प्यारी सी आवाज में बोला ( वैसी ही आवाज जिसमे हमेशा वो मुझसे बात करती है । उसको प्यार करने का एक कारण तो उसकी आवाज भी है । )
” मुझसे अभी मिल सकती हो प्लीज़?” मैंने आग्रह किया ।
” इस समय इतनी रात में क्यों?”
” कुछ मत पूछो , बस हाँ या ना ?”
” कहाँ पर ?”
” वही जहाँ मिलते हैं हमेशा,” मैंने खुश होते हुए कहा ।
” ठीक है,” कहकर उसने फोन काट दिया ।

बाकी बाहरी लड़कियों की तरह वो हॉस्टल में नहीं रहती थी । उसके घरवाले बहुत पैसे वाले लगते थे , क्योंकि मुम्बई में फ्लैट में किराये पे रहना वो भी अकेले खर्चा उठाकर , सबके बस की बात नहीं है । पर मैं उससे उसके फ्लैट पर कभी मिलने नहीं गया , क्योंकि मैं नहीं चाहता था कि उसकी बिल्डिंग वाले कुछ भी गलत समझे और उसके घर वालों को बता दें । ( पर सच तो ये है कि मैं बस उसका एक अच्छा दोस्त था जिसको फ्लैट पर आने का कभी इन्विटेशन नहीं मिला ।)

हम हमेशा मरीन ड्राइव पर मिलते थे । घंटो बैठ कर बातें करते थे और चाय पीते थे । हम दोनों को ये काम बहुत पसंद था । उसने मुझसे कभी भी मिलने को मना नही किया और इसी उम्मीद से मैंने इतनी रात में भी उसको बुला लिया और जैसा क़ि सोच रहा था , वो मिलने को तैयार हो गयी ।

                         ●

” हे अकरूर ” एड्रियल की आवाज ने मुझको उठाया । मैं बहुत देर से उसका इंतज़ार कर रहा था और पता नहीं कब सो गया ।
” ओ हाय , तुम आ गयी ! सॉरी थोड़ी आँख लग गयी थी ,” मैंने उठते हुए कहा ।
” कोई बात नहीं,” उसने एक हल्की सी मुस्कान के साथ कहा और मेरे बगल में आकर बैठ गयी ।
” सॉरी, इतनी रात में परेशान किया,” मैंने मुँह नीचे करके कहा ।
” कोई बात नहीं , लेकिन इतनी रात को बुलाने का कोई अच्छा कारण नहीं हुआ तो कभी यहाँ दोबारा मिलने का सोचना भी नहीं,” उसने बहुत ही गुस्से में कहा ।
मैं डर गया , क्योंकि मुझे खुद नहीं पता था कि मैंने उसे क्यों बुलाया है । मैं कारण सोचने लगा तभी उसके हँसने की आवाज आई , मैंने उसकी तरफ देखा तो वो मेरी तरफ देखकर हँस रही थी ।
” तुम हँस क्यों रही हो?” मैंने पूछा ।
”  अरे पागल मैं मज़ाक कर रही थी , शक्ल तो देखो अपनी,” उसने कहा और फिर से हँसने लगी ।
मेरी लाचार हालात देखकर उसे भी हँसी आ रही थी तो मैं क्या करता ? मैं भी बेचारा उसके साथ हँसने लगा ।
” मैं समझ गयी हूँ , तुमने डांस पार्टनर बन जाने की बात कहने के लिए बुलाया है ना?” उसने हँसना बंद कर दिया था लेकिन एक प्यारी मुस्कान अभी भी उस चाँदनी रात में चाँदनी से ज्यादा चमक रही थी ।
” हाँ बुलाया है उसी के लिए लेकिन प्लान में कुछ बदलाव है,” मेरे मुँह से एकदम से निकल गया । मुझे खुद नहीं पता था कि मैं क्या बोल गया हूँ , लेकिन अब बोल चुका था । तभी मुझे होटल मरीन प्लाजा याद आया – ” अरे हाँ वहाँ भी क्रिसमस सेलिब्रेशन होता है ” मेरे मन में विचार आया ।

” हाँ बताओ अपना प्लान,” उसने उत्सुकतावश पूछा ।
” तुम कॉलेज की क्रिसमस पार्टी में नहीं जाओगी”
” क्यों ?”
” क्योंकि, हम दोनों होटल मरीन प्लाजा चलेंगे ,”
मैंने कहा और उसके जवाब का इंतज़ार करने लगा ।
” और डेनियल से मैं क्या बोलूँगी ?” उसने थोड़ा भावविहीन मुद्रा में पूछा ।
” उसको बोल देना की तुम्हारी तबीयत खराब है , या कुछ ऐसा ही,” मैंने कहा ।
” नहीं यार वो गुस्सा हो जायेगा,” उसने दुखी होते हुए कहा ।
” तुम डेनियल को अभी बस दो महीने से जानती हो और मैं एक साल से । तुम्हे क्या लगता है कि वो तुम्हे अपनी अच्छी दोस्त समझता है , इसीलिए तुम्हारे साथ जा रहा ? अगर ऐसा है तो गलत समझ रही हो तुम,” मैंने कहा और खड़ा हो गया ।
” तो फिर क्यों ले जा रहा , तुम ही बता दो ?” उसने मेरा हाथ पकड़ते हुए बहुत धीरे से स्वर में पूछा ।

” क्योंकि तुम्हारे साथ पार्टी में जाना और डांस करना अपने बैच के हर एक लड़के की ख्वाहिश है, चूँकि तुम उसकी दोस्त बन चुकी हो तो उसने पूछ लिया और बाकी लड़के अपनी ख्वाहिश मन में दबा के बैठे हैं उनकी गर्लफ्रेंडस की वजह से या तुमसे दोस्ती ना होने की वजह से । तुम उसके साथ नहीं जाओगी तो दो महीने की दोस्ती में कोई फर्क नहीं पड़ेगा लेकिन अपनी एक साल से भी ज्यादा पुरानी दोस्ती का भी ख्याल रखो,” मैंने झुंझलाहट भरे स्वर में कहा और चुप हो गया । मुझे एहसास हो गया कि मैंने गलत तरीके से बात की है । मैं माफ़ी मांगने के लिए उसकी तरफ मुड़ा तो देखा वो भी खड़ी हुई है और मेरा हाथ अभी भी उसके हाथ में है ।

” तुम पागल हो सही में , मैं उसे मना कर दूंगी लेकिन एक बात का जवाब दो कि वो मुझे केवल इसलिए डांस पार्टनर बना रहा क्योंकि बैच के हर लड़के की ख्वाहिश है और वो उन्हें दिखा सके कि मैं उसकी डांस पार्टनर हूँ तो तुम क्यों मुझे अपनी डांस पार्टनर बना रहे ? तुम भी इसी कारण से मेरे साथ डांस करना चाहते हो ?”

” अगर ऐसा होता तो मैं कालेज की पार्टी की जगह होटल वाली पार्टी में चलने को क्यों बोलता ? और हाँ असली कारण कुछ और है , लेकिन वो कल पता चलेगा ,” मैंने कहा और बैठ गया ।
” अच्छा ठीक है , लेकिन प्लीज़ बताओ ना क्या कारण है ?” उसने बहुत प्यार से पूछा । दिल हुआ कि इस चाँदनी रात में अभी उसे गाले से लगा लूँ और दिल की साड़ी बातें बोल दूँ । लेकिन खुद को रोककर मैंने कहा – ” कल पता चल जाएगा , अब चलते हैं यहाँ से ।

” अच्छा ठीक, लेकिन बातों-बातों में मैं भूल गयी कि मैं कुछ बनाकर  लायी हूँ , जिसकी वजह से मुझे देर हो गयी आने में,” उसने अपने पास में  रखे बैग को उठाते हुए कहा ।
” अच्छा क्या लायी हो?”
” रुको दिखाती हूँ,” कहते हुए उसने बैग से एक मिल्टन की हॉट बोटल और 2 ग्लास निकाले ।
” तुम चाय लायी हो क्या सचमे ?” मैंने आश्चर्य जताते हुए पूछा ।
” हाँ मुझे पता था कि यहां मिलेंगे तो चाय जरूर पिएँगे , इसीलिए खुद ही बना लायी,” उसने चाय का ग्लास मेरी तरफ बढाते हुए कहा ।
” थैंक्स,” मैंने कहा और चाय का ग्लास पकड़ लिया ।

” हम्म , एक बात बताओ ,” उसने चाय का एक घूँट पीते हुए कहा । मैं उसे निहार रहा था । उसके चाय पीने के उस अंदाज़ को निहार रहा था । वो उसके लावों का प्यार से गिलास का छूना और धीरे से चाय को अपने अंदर समा लेना । ऐसा दृश्य देखकर बस यही विचार आया कि काश वो ग्लास मैं होता । लेकिन इस विचार को मन से हटाते हुए मैंने उसकी बात का उत्तर दिया – ” हाँ पूछो ” ।
” ये अकरूर का मतलब क्या होता है?”
” अकरूर का मतलब होता है , काइंड या जेंटल । जो भी तुम्हे अच्छा लगे इन दोनों मे से,” मैंने कहा और चाय पीने लगा ।
” हम्म नाइस ।”
” एड्रियल का क्या मतलब होता है?”
” एड्रियल मतलब फ़्लोक ऑफ़ गॉड ।
” वाह तो क्या मैं इस समय फ़्लोक ऑफ़ गॉड के साथ बैठा हूँ,” मैंने हँसते हुए कहा और उसकी तरफ देखने लगा । वो भी मुझे देखकर हँसने लगी ।

                         ●

” हे एड्रियल ” मैंने एड्रियल को अपनी तरफ आते हुए देखते ही उसको हाथ हिलाकर इशारा किया ।
मैं होटल मरीन प्लाजा के  दरवाजे  के पास खड़ा होकर उसका बेसब्री से इंतज़ार कर रहा था ।
” हाय अकरूर , अच्छे लग रहे हो,” उसने गले लगते हुए कहा ।
” तुम भी कमाल लग रही हो एकदम ,” मैंने उसका हाथ पकड़ कर अंदर चलने का आग्रह करते हुए कहा । और सच में उस पीली क्रॉप टॉप और नीली जीन्स में वो कहर ढा रही थी ।
हम दोनों होटल के अंदर पहुँचे । मैं बस उसे देख रहा था । बहुत कोशिशों के बाद भी मैं अपनी नज़र उसके चेहरे से नहीं हटा पा रहा था ।
” तुम मुझे घूरना बंद करो तो हम डांस कर लें,” उसने मेरी तरफ देखते हुए कहा और एक प्यारी सी मुस्कान दी ।
” हाँ बिलकुल आओ ” मैं इस मौके को कैसे छोड़ सकता था । आखिर वो खुद मेरे साथ डांस करना चाहती थी ।
उसने मेरा हाथ  पकड़ा और हम दोनों डांस करने चल दिए । डांस करते वक़्त भी मेरा ध्यान बस उसी के ऊपर था । मैं कैसे भी करके आज उसे अपने दिल की बात बोलना चाहता था । फिर उसके बाद क्या होगा क्या नहीं उससे मुझे कोई मतलब नहीं था ।
काफी समय डांस करने के बाद हम दोनों एक टेबल पर आकर बैठ गए ।

” तुम क्या बनना चाहते हो ?” उसने मुझसे एकाएक पूछा ।
” मैं एक लेखक बनना चाहता हूँ , एक ऐसा लेखक जो अपने अलग लेखन के लिए जाना जाए,” मैंने उसे बताया ।
” अच्छा है , लेकिन लिखोगे क्या ?”
” इस बारे में अभी कुछ नहीं सोचा , लेकिन तुम कहो तो तुम्हारे ऊपर ही 5-6 किताबें लिख दूँ,” मैंने हँसते हुए कहा ।
वो भी हँसने लगी ।
” अच्छा सुनो ,” मैंने  हँसी को रोककर कहा ।
” हाँ बोलो “
” मैं कुछ कहना चाहता हूँ जो मैं बहुत दिनों से कहना चाहता था “
” हाँ तो बोलो ना,” उसने कहा ।
” नहीं ऐसे नहीं “
” तो फिर कैसे?” उसने पूछा ।
” मैंने बोला ना मैं लेखक हूँ तो उस बात को लिखकर लाया हूँ ,” मैंने अपनी जेब से वो पेज निकालते हुए कहा, जिसमे मैं अपने दिल की बात लिख कर लाया था ।

वो पेज उसने लिया और एकदम ध्यान से पढ़ने लगी –
” पता नहीं ये सही है या गलत पर मेरे दिल में तो बस यही है जो इन शब्दों के माध्यम से मैं कहना चाहता हूँ, अगर ये ना होते तो शायद मैं कभी कह भी ना पाता
कलम उठाई है, तुम्हे इत्तेला करने को
कि अब इंतेहा हो गयी है इंतज़ार की
उस इंतज़ार की , जो वर्षों से कर रहा हूँ मैं
अपने ही आँसू , खुद पी रहा हूँ मैं
ज्यादा नहीं कह सकता , पर सुन लो प्रिय
जो कह रहा हूँ  वो दिल से कह रहा हूँ मैं
चाहत इस कदर है तुम्हारे लिए दिल में
कि कम्बख्त ना सोता है , ना सोने देता है
दिन में जागती आँखों को भी ये बस
तेरे ही ख्वाब दिखाता है
एक आस जगाए बैठा हूँ तबसे
जबसे छुआ है तुमने मुझे पहली दफा
कि ये एहसास जो मुझे हुआ तुम्हारे छूने से
इसको ज़िन्दगी भर के लिए अपना बना लूँगा
सारे रिश्ते तोड़ने पड़ें ज़िन्दगी में लेकिन
तुझसे अपना रिश्ता बना लूँगा
अगर मंज़ूर हूँ इस रूप में मैं तुम्हे
तो मुझे देखकर हल्का सा मुस्कुरा देना
और उठकर सीने से लगा लेना
और उठकर सीने से लगा लेना “

उसने पढ़ते ही मेरी तरफ देखा पर मैं तब तक उसकी कुर्सी के बगल में घुटनो के बल बैठ के उसके मुस्कुराने का इंतज़ार अपने हाथों में ली हुई अंगूठी के साथ कर रहा था ।
उसने मुझे देखा और खड़ी हो गयी । अपना हाथ मेरी तरफ बढ़ाते हुए बोली – ” मुझे मंज़ूर हो तुम इस रूप में भी मेरे अकरूर । “
मैंने उसे तुरंत अंगूठी पहनाई और उसे सीने से लगा लिया । थोड़ी देर हम दोनों ऐसे ही खड़े रहे ।
फिर मैंने उसे गोद उठाया और फिर से डांस फ्लोर पे चला गया ।

Rishabh Badal