Quote – 7
जो मेरी हर सुबह का उगता सूरज हुआ करते थे, आज वो मेरी अमावस्या का चाँद बने फिरते हैं।
जो मेरी हर सुबह का उगता सूरज हुआ करते थे, आज वो मेरी अमावस्या का चाँद बने फिरते हैं।
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बर्फ से ढकी हिमालय की चोटियों की तरह हो तुम,मैं पहाड़ों पे कहीं भी जाऊँ, देखता उन्हें ही हूँ । Rishabh Badal