“गीत तुम्हारे”

मैं गीत तुम्हारे लिखता हूँ,मैं गीत हमारे लिखता हूँ। जब साथ होती थी शामेंजब कलम मैं औरहर्फ़ सारे थीं तुमकागज़ पर तब उतरते थे 'हम' मैं गीत हमारे लिखता था,मैं…

Continue Reading“गीत तुम्हारे”

रचनात्मक उद्यमी (Creative Entrepreneur) की तरफ से मौका पाइए किताब में प्रकाशित होने का, बिल्कुल फ्री !

रचनात्मक उद्यमी (Creative Entrepreneur) की तरफ से मौका पाइए किताब में प्रकाशित होने का, बिल्कुल फ्री ! जी हाँ, यदि आप हिंदी से प्यार करते हैं या लिखना पसंद करते…

Continue Readingरचनात्मक उद्यमी (Creative Entrepreneur) की तरफ से मौका पाइए किताब में प्रकाशित होने का, बिल्कुल फ्री !

“मोह भंग”

उन्मद चित्त हुआ मेरा,जब प्रीति लागी तेरे संग।फिर हृदय भी रोया था मेरा,जब हुआ था तेरा मोह भंग। उन्माद तुझसे था मेरा,पर कर दिया तूने मुझको दंग।बाद कभी मुड़के ना…

Continue Reading“मोह भंग”

End of content

No more pages to load