बात को ना यूँ तुम घुमाया करो,
प्यार अगर करते हो तो बताया करो।
हो सकता है कि मैं भी यकीन कर लूँ तेरा,
बेवजह ना यूँ मुस्कुराया करो।
सोच सकते हो अगर तो कभी तो मुझे सोच कर देखो,
यूँ ना मुझे अब भुलाया करो।
एक अरसे से नहीं किया है महसूस तुझे,
कभी तो पास मेरे आया करो।
बात खोने की करते हो तुम हमेशा,
एक बार मुझे पाने पर तो भरोसा करो।
चाँद-सितारों की ख्वाहिश रखते हो तुम इस जहाँ में,
कभी जुगनुओं से भी इश्क़ लड़ाया करो।
सैर आसमान की करना कोई गुनाह नहीं है पर,
पैर कभी तो ज़मीन पर छुआया करो।
बात को ना यूँ तुम घुमाया करो,
प्यार अगर करते हो तो बताया करो।
– ऋषभ बादल